आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि उपसभा, हरियाणा, के तत्त्वावधान में हरियाणा के समस्त आर्य समाजों, आर्य युवा समाजों डीएवी स्कूलों एवं कॉलेजों में 12 अक्तूबर से 30 अक्तूबर तक ‘वैदिक संस्कार पखवाड़ा’ आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य छात्र-छात्राओं और आर्यजनों को वैदिक संस्कार देने और आर्यसमाज की महान विरासत और परंपरा से परिचित कराना है। इसी व्यापाक उद्देश्य के साथ डी.ए. वी. पब्लिक स्कूल, उप्पल साऊथएंड, सेक्टर-49, गुरुग्राम में इस आयोजन को पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ कार्यान्वित किया गया, जिसके अंतर्गत भजन गायन, हवन, रामायण मंचन एवं रक्तदान शिविर का आयोजन जैसी गतिविधियाँ कराई गईं। इन सभी गतिविधियों का विवरण निम्नलिखित है -
1. भजन गायन - तीसरी, चौथी व पाँचवीं कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा ‘भजन गायन कार्यक्रम’ आयोजित किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने समूह में पूर्ण भक्ति भाव से भजनों का गायन किया। यह कार्यक्रम स्कूल के सभागार में आयोजित किया गया, जहाँ परंपरागत भजनों के साथ-साथ विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत कुछ विशेष भजन भी शामिल थे। इस कार्यक्रम ने सभी को आध्यात्मिक अनुभूति और शांति प्रदान की।
2. रक्तदान शिविर - मानव मूल्यों को केंद्र में रखते हुए परोपकार का महत्त्व समझाते हुए विद्यालय में एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षकों, अभिभावकों, और समाज के अन्य सदस्यों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इस शिविर का उद्देश्य जरूरतमंद मरीजों के लिए रक्त की उपलब्धता को सुनिश्चित करना था। इस कार्यक्रम के माध्यम से रक्तदान के महत्व को उजागर किया गया और लोगों को नियमित रक्तदान के लिए प्रेरित किया गया।
3. हवन - विद्यालय प्रांगण में नित्य हवन का आयोजन किया जाता है, जिसमें सभी कक्षा के विद्यार्थी क्रम से भाग लेते हैं। हवन का उद्देश्य वातावरण को शुद्ध करना और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना है। इस अवसर पर वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ विधिपूर्वक हवन संपन्न हुआ, जिससे सभी उपस्थितजन आध्यात्मिक रूप से लाभान्वित हुए।
4. रामायण का मंचन - मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम का जीवन मानव जाति के लिए आदर्श और अनुकरणीय है। उनके जीवन से परिचय कराने तथा उससे मिलने वाली सीखों को विद्यार्थियों में आत्मासात करने के उद्देश्य से विद्यालय में रामायण का मंचन किया गया। यह एक प्रकार की नृत्य नाटिका थी जिसमें पूर्व प्राथमिक व प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। इसका आयोजन विशेष रूप से विद्यार्थियों के लिए किया गया, ताकि वे हमारे महान धार्मिक ग्रंथों और उनकी शिक्षाओं से परिचित हो सकें। इस दौरान मुख्य अतिथिगणों व प्रधानाचार्या जी के द्वारा रामायण की महत्वपूर्ण घटनाओं और आदर्शों पर चर्चा की गई, जिससे विद्यार्थियों को जीवन में नैतिकता और अनुशासन का महत्व समझने में सहायता मिली।
5. महात्मा आनंद स्वामी से परिचय - महात्मा आनंद स्वामी जी के असाधारण व्यक्तित्व एवं महिमामय जीवन का संक्षिप्त परिचय देते हुए विद्यार्थियों को कक्षा में व्याख्यान दिया गया; साथ ही उनके जीवन पर आधारित एक चलचित्र भी दिखाया गया ताकि विद्यार्थी उनसे प्रेरित हो सकें।
6. आभार स्वरूप उपहार वितरण - मनुष्य एक विवेकशील प्राणी है। वह केवल अपने लिए न सोचकर औरों के हित-अहित के बारे में भी सोचता है। इसीलिए विद्यार्थियों में देने का भाव प्रेषित करने के लिए दिवाली के अवसर पर उन्हें विद्यालय के कर्मचारियों को उपहार प्रदान करने का सुअवसर प्रदान किया गया। विद्यार्थियों ने अपने हाथों से उन्हें उपहार तथा मिठाइयाँ दीं साथ ही दीपावली की शुभकामनाएँ भी दीं। विद्यार्थी इस कार्य से अत्यंत आनंदित हुए।
इस प्रकार इन सभी कार्यक्रमों का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया जिससे विद्यार्थियों में सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति जागरूकता और समाज सेवा की भावना को प्रबल हो पाई और वे वैदिक सस्कारों से अवगत होकर उनका पालन करने के लिए प्रेरित हो पाए।